Monday, March 27, 2017

cleanse your Karmas in 4 simple steps :🌟⭐🌸

✨✨✨✨🌸☘🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🌟A power prayer before going to bed to cleanse your Karmas in 4 simple steps :🌟⭐🌸✨✨✨🍃🍃🍃✨✨✨✨✨

Step 1.
Remain in Gratitude 🙏:

Divine Thanks  to The Universe for blessing me with everything that I have got in my life today. Thank you! Thank you ! Thank you!

Step 2
Ask for Forgiveness:

Right from my FIRST birth in all my lifetimes till now all those beings, things, souls whom I have hurt knowingly or unknowingly, I am "SORRY" for that, Please FORGIVE me, Thank You, I love you and bless you from my heart for your Highest Good in life

Step 3
FORGIVE OTHERS

All those beings,  souls who have hurt me frm my first birth in all my lifetimes till nw I "FORGIVE" them fm my heart forever and release them from any oaths, ya ny curses if any, given knowingly, unknowingly to them.

Step 4

SELF FORGIVENESS:

I "FORGIVE" myself and release myself from any guilt, if any. I love and thank every cell of my body that supported and loved me from my first birth till nw.

THANK YOU THANK YOU THANK YOU🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃

🌟🌟🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃

Friday, March 17, 2017

"दुर्गा पूजा के नौ दिन NAVRATRAS MARCH APRIL 2017

"दुर्गा पूजा के नौ दिन तक देवी दुर्गा का पूजन, दुर्गा सप्तशती का पाठ इत्यादि धार्मिक किर्या पौराणिक कथाओं में शक्ति की अराधना का महत्व व्यक्त किया गया है।

चैत्र शुक्ल पक्ष के नवरात्रों का आरंभ वर्ष 28 मार्च 2017 के दिन से होगा। इसी दिन से हिंदु नवसंवत्सर का आरंभ भी होता है। चैत्र मास के नवरात्र को ‘वार्षिक नवरात्र’ कहा जाता है। हिन्दू धर्म में माता दुर्गा को आदिशक्ति कहा जाता है। शक्तिदायिनी मां दुर्गा की आराधना के लिए साल के दो पखवाड़े बेहद महत्त्वपूर्ण माने जाते हैं। यह दो समय होते हैं चैत्र नवरात्र और शारदीय नवरात्र। चैत्र नवरात्र चैत्र माह में मनाया जाता है। जबकि शारदीय नवरात्र आश्विन माह में मनाया जाता है।
इस साल चैत्र नवरात्र 28 मार्च से शुरू होंगे और 05 अप्रैल को खत्म होंगे। चैत्र नवरात्र की मुख्य तिथियां निम्न हैं:
28 मार्च 2017 : इस दिन घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 08 बजकर 26 मिनट से लेकर 10 बजकर 24 मिनट तक का है। नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है।
29 मार्च 2017 : नवरात्र के दूसरे दिन देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है।
30 मार्च 2017 : नवरात्र के तीसरे दिन देवी दुर्गा के चन्द्रघंटा रूप की आराधना की जाती है।
31 मार्च 2017): इस साल 31 तारीख को माता के चौथे स्वरूप देवी कूष्मांडा जी की आराधना की जाएगी।
1 अप्रैल 2017 : नवरात्र के पांचवें दिन भगवान कार्तिकेय की माता स्कंदमाता की पूजा की जाती है।
2 अप्रैल 2017 :नारदपुराण के अनुसार शुक्ल पक्ष यानि चैत्र नवरात्र के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा का विधान है।
3 अप्रैल 2017 :  नवरात्र के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा का विधान है।
04 अप्रैल 2017: नवरात्र के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है। इस दिन कई लोग कन्या पूजन भी करते हैं।
05 अप्रैल 2017 : नौवें दिन भगवती के देवी सिद्धदात्री स्वरूप का पूजन किया जाता है। सिद्धिदात्री की पूजा ��

Tuesday, March 07, 2017

पीपल की पूजा से लाभ pipal tree as astrology remedy

पीपल की पूजा से  लाभ और अनेक समस्याओं का निवारण
     
हिन्दू धर्म में पीपल वृक्ष को देवों का देव कहा गया है. स्वयं कृष्ण ने गीता में कहा है कि मैं वृक्षों में पीपल हूं. जिसने भी इस वृक्ष की सेवा श्रद्धा भाव से की है, उसे लाभ की अनुभूति अवश्य हुई है. आप भी आने वाले शुक्लपक्ष के शनिवार से पीपल के वृक्ष की सेवा शुरू करके अनेक प्रकार की समस्याओं से छुटकारा पाकर सुखी व समृद्ध जीवन गुजार सकते है

उपाय
पीपल के वृक्ष की प्रत्येक शनिवार को (दूध, जल, शक्कर, शहद, काले तिल, गंगा जल और गुड़ इन सभी चीजों को जल में मिलायें) तत्पश्चात यह मीठा जल पीपल वृक्ष पर चढ़ायें और आटे का दीपक जलाकर उसमें सरसों का तेल, एक लोहे की कील व 11 साबुत उड़त के दाने डालकर धूप दीप के साथ आर्पित करें बायें हाथ से पीपल के वृक्ष की जड़ को स्पर्श कर अपने माथे में लगायें व 11 बार परिक्रमा करें

यह उपाय करने से कुछ ही समय पश्चात आपको शनिदेव की कृपा मिलने लगेगी. इस उपाय को करने से निम्न प्रकार की समस्याओं से
मुक्ति मिलेगी

यदि कोई व्यक्ति लगातार अस्वस्थ्य रह रहा हो अथवा अल्पायु योग हो तो वह उपरोक्त उपाय को करके लाभ प्राप्त कर सकता है

यदि आपको शत्रु अधिक परेशान कर रहें है, तो आप उपरोक्त उपाय के साथ-साथ पीपल वृक्ष के नीचे बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करें. ऐसा करने से शत्रुओं का नाश होगा

यदि किसी कन्या की कुंडली में प्रबल वैधव्य यानी विधवापन होने का  योग हो तो उसे उपरोक्त उपाय को कम से कम 1 वर्ष तक करने से लाभ अवश्य प्राप्त होगा

यदि किसी के जन्मपत्री में कालसर्प योग हो तो उपरोक्त उपाय करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलेगी

देव गुरू बृहस्पति की अशुभता समाप्त करने के लिए केले के वृक्ष के साथ पीपल के वृक्ष की भी निममित सेवा करें तो लाभ होगा

किसी शुभ मुहूर्त में पीपल के पौधे को लगाने से तथा उसकी नियमित सेवा करने से आर्थिक स्थिति अच्छी बनी रहती है

यदि आपको कोई विशेष कार्य सिद्ध करना है, तो  के दिन उपरोक्त उपाय करने से पूर्व अपना कार्य होने का निवेदन कर पीपल वृक्ष के समक्ष मिट्टी में एक बड़ी लोहे की कील गाड़ दें और कार्य सिद्ध होने के पश्चात निकाल दें

यदि आपको हाथ-पैरों में अथवा कमर के निचले हिस्से में दर्द बना रहता है तो आप काले कपड़े में पीपल के वृक्ष की जड़ व लकड़ी को रखकर अपने बिस्तर के सिरहाने रख लें और साथ में पीपल वृक्ष की सेवा करते रहें. कुछ समय बाद आप दर्द से मुक्त हो जायेंगे

कैंसर जैसे असाध्य रोग में भी यदि उपरोक्त उपाय को श्रद्धा पूर्वक किया जाये तो लाभ मिलेगा.

यदि आपको निरन्तर हानि उठानी पड़ रही है तो प्रत्येक शनिवार को पीपल के एक नया पत्ते पर ऊँ लिखकर उस पत्ते को पीपल की लकड़ी के साथ धन रखने के स्थान पर रख दें. यह उपाय कम से कम 8 शनिवार तक करना होगा. कुछ समय में ही आपको लाभ होने लगेगा.और खर्चों मे कमी होगी

प्रथम सोमवार को पीपल वृक्ष के नीचे शिव प्रतिमा अथवा शिवलिंग को रख कर नियमित “ऊँ नम: शिवाय” का जाप कर जल से आभिषेक करें. आपके परिवार में सुख व समृद्धि की हमेशा  रहेगी.
         🙏 jyotishvani 🙏

Saturday, March 04, 2017

तिलक लगाने के फायदे

तिलक लगाने के फायदे

     किसी के माथे पर तिलक लगा देखकर मन में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि आखिर टीका लगाने से फायदा क्या है? क्या यह महज दूसरों के सामने दिखावे के मकसद से किया जाता है या फिर तिलक धारण का कुछ वैज्ञानिक आधार भी है? दरअसल, टीका लगाने के पीछे आध्यात्म‍िक भावना के साथ-साथ दूसरे तरह के लाभ की कामना भी होती है l

आइये जानते हैं तिलक लगाने के क्या फायदे होते हैं l

आम तौर पर चंदन, कुमकुम, मिट्टी, हल्दी, भस्म आदि का तिलक लगाने का विधान है. अगर कोई तिलक लगाने का लाभ तो लेना चाहता है, पर दूसरों को यह दिखाना नहीं चाहता, तो शास्त्रों में इसका भी उपाय बताया गया है. कहा गया है कि ऐसी स्थ‍िति में ललाट पर जल से तिलक लगा लेना चाहिए l

इससे लोगों को प्रत्यक्ष तौर पर कुछ लाभ बड़ी आसानी से मिल जाते हैं. आगे तिलक धारण करने के फायदों की चर्चा की गई है l

1. तिलक करने से व्यक्त‍ित्व प्रभावशाली हो जाता है. दरअसल, तिलक लगाने का मनोवैज्ञानिक असर होता है, क्योंकि इससे व्यक्त‍ि के आत्मविश्वास और आत्मबल में भरपूर इजाफा होता है l

2. ललाट पर नियमित रूप से तिलक लगाने से मस्तक में तरावट आती है. लोग शांति व सुकून अनुभव करते हैं. यह कई तरह की मानसिक बीमारियों से बचाता है l

3. दिमाग में सेराटोनिन और बीटा एंडोर्फिन का स्राव संतुलित तरीके से होता है, जिससे उदासी दूर होती है और मन में उत्साह जागता है. यह उत्साह लोगों को अच्छे कामों में लगाता है l

4. इससे सिरदर्द की समस्या में कमी आती है l

5. हल्दी से युक्त तिलक लगाने से त्वचा शुद्ध होती है. हल्दी में एंटी बैक्ट्र‍ियल तत्व होते हैं, जो रोगों से मुक्त करता है l

6. धार्मिक मान्यता के अनुसार, चंदन का तिलक लगाने से मनुष्य के पापों का नाश होता है. लोग कई तरह के संकट से बच जाते हैं. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, तिलक लगाने से ग्रहों की शांति होती है l

7. माना जाता है कि चंदन का तिलक लगाने वाले का घर अन्न-धन से भरा रहता है और सौभाग्य में बढ़ोतरी होती है l
                 🙏 jyotishvani 🙏

Wednesday, March 01, 2017

विवाह नहीं हो रहा हो अथवा होने में देरी वास्तु दोष

🌷 *वास्तु शास्त्र* 🌷

🏡 *यदि घर में वास्तु दोष हो तो उसके कारण परिवार के सभी सदस्यों पर कोई न कोई बुरा प्रभाव जरूर पड़ता है। यह दुष्प्रभाव किसी भी रूप में हो सकता है। यदि परिवार में किसी का विवाह नहीं हो रहा हो अथवा होने में देरी हो रही है,तो इसका कारण भी वास्तु दोष हो सकता है। यदि आप भी अपनी संतान के विवाह में हो रही देरी से परेशान हैं,तो एक बार घर के वास्तु दोषों पर जरूर विचार करें और आगे बताए गए उपाय करें-*
➡ *विवाह योग्य युवक-युवती जिस पलंग पर सोते हैं, उसके नीचे बेकार सामान नहीं रखना चाहिए इससे विवाह योग में बाधा होती है ।*
➡ *विवाह योग्य युवक-युवतियों को उत्तर-पश्चिम दिशा में स्थित कमरे में रहना चाहिए ।इससे उनके विवाह के प्रस्ताव आने लगते हैं ।*
➡ *कमरे एवं दरवाजे का रंग गुलाबी, हल्का पीला या सफेद  (चमकीला) हो तो विवाह में आ रही परेशानियाँ दूर हो जाती हैं ।*
➡ *मंगल दोष हो तो दरवाजे का रंग लाल अथवा गुलाबी रखने से मंगल दोष का प्रभाव कम होता है व विवाह के प्रस्ताव आने लगते हैं ।*
➡ *घर आए अतिथियों को इस प्रकार बैठाएं कि उनका मुख घर में अंदर की ओर हो । इससे विवाह के योग बनने की संभावना बढ़ जाती है ।*