Tuesday, August 25, 2015

Ash on Shivas body

Ash on Shivas body.

��Vibhuti is the sacred ash used in religious worship in Hinduism. The main ingredient of Vibuthi is a special kind of wood. It is burned in a sacred fire (Homa) to form white ash. 
��Vibhuti smeared across the forehead to the end of both eyebrows is called Tripundra.
��It serves as a reminder to the believer to cast away selfish and worldly desires that wrap the self in maya, meaning worldly illusion and distractions, and calls to mind the legend of how Shiva burned Kama (the god of desire) to ashes when Kama attempted to break Shiva's meditation. 
��Normally, worn along with red tilaka(red dot). Vibhuti relates to Shiva and Red tilaka to Shakti. It is a constant reminder that Shiva and Shakti form the universe and everything is into being through, the union of Shiva and Parvati.
��This form of Lord Shiva symbolizes the transcendental aspect of his nature and indicates that his presence is much higher than this physical phenomenon.
��The ashes on the Lord's body is cemetery ash, which points to the philosophy of the life and death and shows that death is the ultimate reality of the life.
��Most things in the universe reduce to ashes when burned and this aspect of nature is suggested by the ash-smeared appearance of Lord Shiva, who is held to be the God of destruction in Hindu mythology.
��The Lord is beyond the cycle of birth and death.

Wednesday, August 19, 2015

अपनी भारत की संस्कृति को पहचाने.

www.Astrorrachita.in अपनी भारत की संस्कृति
को पहचाने.
( ०१ ) दो पक्ष-
कृष्ण पक्ष , 
शुक्ल पक्ष !
📜😇( ०२ ) तीन ऋण -
देव ऋण ,
पितृ ऋण ,
ऋषि ऋण !
📜😇( ०३ ) चार युग -
सतयुग ,
त्रेतायुग ,
द्वापरयुग ,
कलियुग !
📜😇( ०४ ) चार धाम -
द्वारिका ,
बद्रीनाथ ,
जगन्नाथ पुरी ,
रामेश्वरम धाम !
📜😇( ०५ ) चारपीठ -
शारदा पीठ ( द्वारिका )
ज्योतिष पीठ ( जोशीमठ बद्रिधाम )
गोवर्धन पीठ ( जगन्नाथपुरी ) ,
शृंगेरीपीठ !
📜😇( ०६ ) चार वेद-
ऋग्वेद ,
अथर्वेद ,
यजुर्वेद ,
सामवेद !
📜😇( ०७ ) चार आश्रम -
ब्रह्मचर्य ,
गृहस्थ ,
वानप्रस्थ ,
संन्यास !
📜😇( ०८ ) चार अंतःकरण -
मन ,
बुद्धि ,
चित्त ,
अहंकार !
📜😇( ०९ ) पञ्च गव्य -
गाय का घी ,
दूध ,
दही ,
गोमूत्र ,
गोबर !
📜😇( १० ) पञ्च देव -
गणेश ,
विष्णु ,
शिव ,
देवी ,
सूर्य !
📜😇( ११ ) पंच तत्त्व -
पृथ्वी ,
जल ,
अग्नि ,
वायु ,
आकाश !
📜😇( १२ ) छह दर्शन -
वैशेषिक ,
न्याय ,
सांख्य ,
योग ,
पूर्व मिसांसा ,
दक्षिण मिसांसा !
📜😇( १३ ) सप्त ऋषि -
विश्वामित्र ,
जमदाग्नि ,
भरद्वाज ,
गौतम ,
अत्री ,
वशिष्ठ और कश्यप!
📜😇( १४ ) सप्त पुरी -
अयोध्या पुरी ,
मथुरा पुरी ,
माया पुरी ( हरिद्वार ) ,
काशी ,
कांची
( शिन कांची - विष्णु कांची ) ,
अवंतिका और
द्वारिका पुरी !
📜😇( १५ ) आठ योग -
यम ,
नियम ,
आसन ,
प्राणायाम ,
प्रत्याहार ,
धारणा ,
ध्यान एवं
समािध !
📜😇( १६ ) आठ लक्ष्मी -
आग्घ ,
विद्या ,
सौभाग्य ,
अमृत ,
काम ,
सत्य ,
भोग ,एवं
योग लक्ष्मी !
📜😇( १७ ) नव दुर्गा --
शैल पुत्री ,
ब्रह्मचारिणी ,
चंद्रघंटा ,
कुष्मांडा ,
स्कंदमाता ,
कात्यायिनी ,
कालरात्रि ,
महागौरी एवं
सिद्धिदात्री !
📜😇( १८ ) दस दिशाएं -
पूर्व ,
पश्चिम ,
उत्तर ,
दक्षिण ,
ईशान ,
नैऋत्य ,
वायव्य ,
अग्नि
आकाश एवं
पाताल !
📜😇( १९ ) मुख्य ११ अवतार -
मत्स्य ,
कच्छप ,
वराह ,
नरसिंह ,
वामन ,
परशुराम ,
श्री राम ,
कृष्ण ,
बलराम ,
बुद्ध ,
एवं कल्कि !
📜😇( २० ) बारह मास -
चैत्र ,
वैशाख ,
ज्येष्ठ ,
अषाढ ,
श्रावण ,
भाद्रपद ,
अश्विन ,
कार्तिक ,
मार्गशीर्ष ,
पौष ,
माघ ,
फागुन !
📜😇( २१ ) बारह राशी -
मेष ,
वृषभ ,
मिथुन ,
कर्क ,
सिंह ,
कन्या ,
तुला ,
वृश्चिक ,
धनु ,
मकर ,
कुंभ ,
कन्या !
📜😇( २२ ) बारह ज्योतिर्लिंग -
सोमनाथ ,
मल्लिकार्जुन ,
महाकाल ,
ओमकारेश्वर ,
बैजनाथ ,
रामेश्वरम ,
विश्वनाथ ,
त्र्यंबकेश्वर ,
केदारनाथ ,
घुष्नेश्वर ,
भीमाशंकर ,
नागेश्वर !
📜😇( २३ ) पंद्रह तिथियाँ -
प्रतिपदा ,
द्वितीय ,
तृतीय ,
चतुर्थी ,
पंचमी ,
षष्ठी ,
सप्तमी ,
अष्टमी ,
नवमी ,
दशमी ,
एकादशी ,
द्वादशी ,
त्रयोदशी ,
चतुर्दशी ,
पूर्णिमा ,
अमावास्या !
📜😇( २४ ) स्मृतियां -
मनु ,
विष्णु ,
अत्री ,
हारीत ,
याज्ञवल्क्य ,
उशना ,
अंगीरा ,
यम ,
आपस्तम्ब ,
सर्वत ,
कात्यायन ,
ब्रहस्पति ,
पराशर ,
व्यास ,
शांख्य ,
लिखित ,
दक्ष ,
शातातप ,
वशिष्ठ !
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🚩🚩🚩जय श्री राम🚩🚩🚩
🇮🇳🇮🇳 जय अखंड भारत

Friday, August 07, 2015

स्त्री शरीर पर तिल का फल।।

स्त्री शरीर पर तिल का फल।।

यदि गाल पर हो तिल

आमतया तिल को शरीर के किसी खास अंग की खूबसूरती का परिचायक माना जाता है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि शरीर के अलग-अलग अंगों पर तिल का मौजूद होना आपसे जुड़ी कई मजेदार बातें भी बताता है। 

यदि गाल पर हो तिल: जिनके गाल पर तिल हो, ऐसे लोग बेहद गंभीर और पढ़ने-लिखने में तेज-तर्रार होते हैं। ऐसे लोगों को छोटी-मोटी खुशियां आसानी से आकर्षित नहीं कर सकतीं। ये जो ठान लेते हैं, वह करके मानते हैं।

कान पर तिल हो

कान पर तिल हो: जिनके कान पर तिल हो ऐसे लोग बेहद लकी होते हैं। उनके नसीब में धन-दौलत, घूमना-फिरना सब लिखा होता है।

ठुड्ढी पर हो तो

ठुड्ढी पर हो तो- जिनके ठुड्ढी पर तिल हो, वे भाग्य के बड़े धनी होते हैं। नाम, शोहरत या धन के लिए उन्हें बहुत ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती।

आंख के किनारे पर तिल

यदि किसी की आंख के किनारे पर तिल मौजूद हो तो समझ लीजिए कि आप उनपर आंख मूंदकर भरोसा कर सकते हैं। ऐसे व्यक्ति कभी किसी से धोखा नहीं कर सकते।

भौंह पर हो तिल

भौंह पर हो तिल- यदि दाहिने भौंह पर तिल मौजूद हो तो समझिए कि उनकी शादीशुदा लाइफ काफी अच्छी रहती है। ऐसे लोग हर क्षेत्र मेरहोते हैं। लेकिन जिनकी बाईं भौंह पर तिल हो तो वे सौभाग्य के मामले में कुछ खास धनी नहीं होते। काफी मेहनत के बाद भी भाग्य उनका साथ नहीं देता।

नाक पर हो तिल

नाक पर हो तिल- यदि किसी के नाक पर तिल हो तो समझ लीजिए कि आप उनपर आंख मूंदकर भरोसा कर सकते हैं, क्योंकि ऐसा व्यक्ति एक अच्छा दोस्त साबित हो सकता है। बहुत मेहनती होते हैं

माथे पर हो तिल

माथे पर हो तिल- जिनके माथे के दाहिने साइड पर तिल होता है, ऐसे लोग धनी और सुखी होते हैं। किसी भी काम को करने की अद्भुत क्षमता होती है उनमें और सोचने-समझने की शक्ति भी कमाल की होती है। लेकिन जिनकी ललाट के बाएं साइड कोई तिल हो तो वैसे लोगों को पैसे की कीमत समझ नहीं आती। एक तरफ से पैसा आए तो दूसरी तरफ से उसे उड़ाने में ये कोई कसर नहीं छोड़ते। यदि यह तिल माथे के बीचोबीच हो तो ऐसे लोग जिंदगी में काफी सफल होते हैं।

गले पर हो तिल

गले पर हो तिल- जिनके गले या गर्दन पर तिल हों, ऐसे लोग स्वाभाव से काफी उथल-पुथल वाले होते हैं। पल में आप उन्हें खुश देखेंगे और पल भर में दुखी। वैसे ऐसे लोगों का करियर शुरुआत में भले ढीला-ढाले रहें, लेकिन बाद में सब स्मूथ और बेहतरीन रिजल्ट दे ही जाता है।

हाथ पर हो तिल

हाथ पर हो तिल- जिस व्यक्ति के हाथ पर तिल हो, उन्हें आगे बढ़ने से कोई रोक नहीं सकता।

उंगलियों पर तिल

उंगलियों पर तिल- जिनकी उंगलियों पर तिल हो, उनपर भूलकर भी विश्वास न करें। ऐसे लोग धोखेबाज किस्म के होते हैं।

कमर पर तिल

कमर पर तिल होना इस बात का संकेत करता है कि आपको उम्र भर कई परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। पेट पर तिल होने आपके यह बताता है कि आप उत्तम भोजन के इच्छुक है। जिसकी पीठ पर तिल होता है वह व्यक्ति अपने जीवन काल में कई यात्राएं करता है।

होंठ पर तिल हो

यदि किसी व्यक्ति के होंठ पर तिल हो तो उसका मन हमेशा वासना विषयक बातों में खोया रहता है। कान पर तिल होना अल्पायु यानी कम उम्र होने की निशानी है। ऐसे लोग अधिक उम्र तक जीवित नहीं रहते।

छाती पर तिल

छाती पर दाहिनी ओर तिल का होना शुभ होता है। ऐसी स्त्री पूर्ण अनुरागिनी होती है। पुरुष भाग्यशाली होते हैं। शिथिलता छाई रहती है। छाती पर बायीं ओर तिल रहने से भार्या पक्ष की ओर से असहयोग की संभावना बनी रहती है। छाती के मध्य का तिल सुखी जीवन दर्शाता है। यदि किसी स

दाहिने घुटने पर तिल होने से गृहस्थ जीवन सुखमय और बायें पर होने से दांपत्य जीवन दुखमय होता है।

कंधों पर तिल

दाएं कंधे पर तिल का होना दृढ़ता तथा बाएं कंधे पर तिल का होना तुनकमिजाजी का सूचक होता है।

पलकों पर तिल

आंख की पलकों पर तिल हो तो जातक संवेदनशील होता है। दायीं पलक पर तिल वाले बायीं वालों की अपेक्षा अधिक संवेदनशील होते हैं।

मुंह पर तिल

मुखमंडल के आसपास का तिल स्त्री तथा पुरुष दोनों के सुखी संपन्न एवं सज्जन होने के सूचक होते हैं। मुंह पर तिल व्यक्ति को भाग्य का धनी बनाता है। उसका जीवनसाथी सज्जन होता है।